राजस्थान : 40 घंटे से हाईवे पर कब्जा, होटलों में लूटपाट, 30 वाहन फूंके, 700 पर केस

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राजस्थान के डूंगरपुर में टीचर भर्ती में अनारक्षित पदों को आरक्षित करने की मांग को लेकर लगातार तीसरे दिन भी हिंसक प्रदर्शन जारी है। 40 घंटे से जयपुर. उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे के 10 किमी इलाके में तनाव बना हुआ है। उपद्रवी हाईवे और आसपास की पहाड़ियों पर डटे हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर हाईवे पर बनी होटलों और दुकानों में तोड़फोड़-लूटपाट की। 30 वाहनों में आग लगा दी। अब तक 700 लोगों पर केस दर्ज किया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कुछ लोग बाइक पर आए थे, आंखों के सामने हमारी दुकान लूटकर ले गए। साथ ही वहां बने एक स्कूल में भी तोड़फोड़ की गई।

एक्शन मोड में पुलिस
एक्शन में आई पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर रही है। 700 लोगों को नामजद भी किया गया है। प्रदर्शन के दौरान 7 कंटेनरों समेत 30 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा को स्पेशल ड्यूटी पर लगाया गया है।

रात 2 बजे तक पथराव, जलते रहे टायर
डूंगरपुर सीमा के मोथली मोड़ पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है। खेरवाड़ा से उदयपुर रोड पर ढाई किमी दूर टोल प्लाजा से सटे हाईवे पर देर रात तक पहाड़ियों से वाहनों पर पथराव हुआ। पत्थर राहगीरों को भी लगे। टायर भी जलाए गए।

क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शन करने वाले शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 17 दिन से प्रदर्शन चल रहा था। शुक्रवार को उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर प्रदर्शन अराजकता की हदें पार कर गया। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे के 10 किमी तक के इलाके को कब्जे में ले लिया। पिछले 40 घंटे के अंदर करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली। मकानों में भी तोड़फोड़-लूटपाट की गई।

गुस्सा क्यों भड़का?
कैंडिडेट 7 सितंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बातचीत कर उन्हें समझाया कि यहां पर पड़ाव न डालें। फिर भी प्रदर्शन जारी रहा। बिछीवाड़ा पुलिस ने कोविड महामारी के नियम तोड़ने और गैर जमानती धारा में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे। इसको लेकर कैंडिडेट का गुरुवार से गुस्सा भड़क उठा।

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