सोयाबीन लगाई ही नहीं उसका भी बीमा मिला, 50 किसानों को मिली 4 और 8 रुपए की राशि

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खरगोन. सरकार ने जोर शोर से समारोह कर किसानों को बीमा क्लेम की राशि का वितरण किया है लेकिन हकीकत में जब बीमा राशि किसानों के खातों में आई तो किसानों की आंखों से आंसू आ गए। बीमा क्लेम में हुई लापरवाही के कारण किसानों के खातों में 4, 8, 16 व 32 रुपए की राशि डाली गई। जिसे लेकर किसानों में आक्रोश है।
खरीफ सीजन 2019 में अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों की राशि सरकार ने किसानों के खातों में तो डाली लेकिन नागझिरी के 50 से अधिक किसानों के खातों में अतिवृष्टि के सर्वे के दौरान हुई लापरवाही से बीमा क्लेम की राशि मात्र 4, 8, 16, 23, 29 व 39 रुपए आई है। वहीं कई किसानों ने बताया हमने सोयाबीन की तो फसल ही नहीं लगाई फिर भी हमारे नाम के आगे सोयाबीन का क्लेम देना बताया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि सर्वे में कितनी लापरवाही हुई है।

केस 1 : दो बीघा साेयाबीन की फसल हुई नष्ट, राशि मिली 23 रु.
किसान जितेश धारवाल ने बताया मेरा नागझिरी स्थित 27 बीघा खेत है। जिसमें मैंने 2 बीघा में सोयाबीन व 25 बीघा में कपास की फसल लगाई थी। दो बीघा में सोयाबीन की फसल लगाई थी। जिसका बीमा क्लेम मुझे 23 रुपए मिला है। मक्का फसल के नाम पर 6224 रुपए इफ्को टोकियो बीमा कंपनी के द्वारा खाते में राशि आई। जबकि मैंने मक्का की फसल लगाई ही नहीं है। 25 बीघा में कपास की फसल लगाई थी जिसमें 4 से 5 लाख का खर्च हुआ था। जिसकी बीमा क्लेम राशि 13344 रुपए लिस्ट में दिखाए है।

केस 2 : कपास व पपीता के स्थान पर सोयाबीन का मिला क्लेम
करही के किसान प्रेमचंद पाटीदार ने बताया मेरा खेत नागझिरी में हैं। मैंने कभी भी सोयाबीन की फसल नहीं लगाई थी। मैं सिर्फ कपास व पपीता की फसल ही लगाता हूं। मुझे एक किसान से पता लगा कि मुझे सोयाबीन के बीमा क्लेम की राशि मिली है। वह भी मात्र 8 रुपए। इस पर आक्रोशित किसान ने कहा 8 रुपए मेरी ओर से सरकारी खजाने में जमा किए जाएंगे। किसान दिनेश यादव ने बताया 7 बीद्या में सोयाबीन की फसल खराब हुई थी। जिसके मुझे करीब 937 रुपए आए है जबकि 40 हजार का खर्च ही लगा था। अब इतनी कम राशि में नुकसान कैसे पूरा होगा।

केस 3 : हजारों रुपए जमा कराते हैं, भीख में मिले सिर्फ 8 रुपए
किसान ललित मालवीया ने बताया साढे सात बीद्या की सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ था। बीमा कंपनी ने मुझे भीख के तौर पर मात्र 8 रुपए दिए है जबकि बीमा कंपनी हर साल किसानों से हजारों की राशि प्रीमियम के रुप में जमा कराती है। फसलों का नुकसान होने पर हर साल हमें कुछ रुपए की भीख दे देते हैं। इसी प्रकार धरमचंद मालवीया को सोयाबीन नुकसानी के 29 रुपए, चिंताराम यादव को 4 रुपए बीमा क्लेम के मिले है।

और इधर, बारिश से खराब हो रही फसल
पिपलिया बुजुर्ग ग्राम में शनिवार शाम को हुई बारिश से किसान चिंतित है। मौसम के मिजाज को देखते हुए अगले दो तीन दिनों तक मौसम साफ नहीं होगा। बारिश ने किसानों की आशाओं पर फिर से एक बार पानी फेर दिया है। कपास और सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट हो रही है।

किसान दादू दरबार, जगदीश मुकाती व महेंद्र सिन्हा ने कहा पिछली बार अतिवृष्टि के कारण फसले बर्बाद हो गई। इस वर्ष अच्छी फसल की उम्मीद थी लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण फसल खराब हो रही है। कीटनाशक व्यवसायी निलेश जैन व खेमराज जैन ने कहा किसानों की कमजोर स्थिति का असर उनके व्यापार पर भी पड़ेगा।

 

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